शुक्रवार, 19 एप्रिल 2024
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Written By वेबदुनिया|

जय देव जय देव श्रीमंगेशा।

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जय देव जय देव श्रीमंगेशा।
पंचारति ओवाळू सदया सर्वेशा ।।धृ।।

सदया सगुणा शंभो अजिनांबरधारी।
गोरीरमणा आद्या मदनांतकारी।।
त्रिपुरारी अधहारी शिवमस्तकधारी।
विश्वंभर विरुदे हें नम संकट धारीं ।।जय ।।1।।

भयकृत भयनाशन ही नामें तुजे देवा।
वि‍बुधादिक कमळासन वांछिती तव सेवा।।
तुझे गुण वर्णाया वाटतसे हेवा।
अभिनव कृपाकटाक्षें मतिउत्सव द्यावा ।।जय।।2।।

शिव शिव जपता शिव तूकरिसी निजदासा।
संकट वारी मम तूं करी शत्रुविनाशा।।
कुळवृद्धीते पाववी हीच असे आशा।
अनंतसुत वांछितसे चरणांबुजलेशा ।।जय।।3।।