कवि इज बॅक-1
* कोकण में पिकता है हापूस
विदर्भ में बनता है कापूस
पूरी करो मेरी मंञीपद की हाउस
नहीं तो ऐसेच पडेगा बीच बीच में पाउस
* आपका प्रेम बघकें .....
मेरे कों आश्रु आये घळाघळा...
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आणि...
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डोंगराला आग लागली....
पळा .....पळा.......पळा...
* थंडी भी बहोत सुटी है,
आणि वारा भी बहोत सुटा है,
तुमको क्या सांगु...
इसलिए मै दुपारको उठा है
* बचपनमे था खोकला
तो मेरुकु औषध चाटवले.
बचपनमे था खोकला
तो मेरुकु औषध चाटवले
आज फिर से आया खोकला
इसलिए मेरुकु फिरसे आठवले
* जो मुझे वोट देंगा उसको
पिलाऊंगा मै ब्रौन वीटा....
जो मुझे वोट देंगा उसको
पिलाऊंगा मै ब्रौन वीटा....
जो मुझे वोट नहीं देंगा उसको
फेक के मारूंगा मै दगड-वीटा !!