शुक्रवार, 8 नोव्हेंबर 2024
  1. धर्म
  2. हिंदू
  3. आरती संग्रह
Written By

Surya Dev Aarti सूर्य देवाची आरती

जयदेव जयदेव जय भास्कर सूर्या विधिहरि शंकररूपा जय सुरवरवर्या ||धृ ||
 
जय जय जगतमहरणा  दिनकर सुखकिरणा | उड्याचल भासक दिनमणी शुभस्मरणा |
 
पद्मासन सूर्यमूर्ती सुहास्य वरवंदना | पद्माकर वरदप्रभ भास्तव सुखसदना ||१||
 
कनका कृतिरथ एक चक्राकित तरणी | सप्तानना श्र्वभूषित   रथीं त्या बैसोनि |
 
योजनासहस्त्र  द्वे द्वे शतयोजन दोनीं | निमिषार्धे जग क्रमीसी अद्भुत तव करणी ||२||
 
जगदुद्व स्थिती प्रलयकरणाद्यरूपा | ब्रम्ह परात्पर पूर्ण तूं  अद्वं तद्रूपा |
 
ततवंपदव्यतिरिक्ता अखंडसुखरूपा | अनन्य तव पद मौनी वंदित चिद्रूपा || ३ || जयदेव ..