कवि इज बॅक-2
* आंघोळ के कारण आइ से दररोज होता है तंटा,
म्हनती है वो गार पाणी लेता है तो भी ईतना टाइम लगाता है भामटा,
मै आईसे बोल्या आये मै क्या करू,
गार पाणी का पहला तांब्या आंगपे लेऊ की नको इसमेच जाताय मेरा १ घंटा
* लोहा लोहे को कापता है
प्लास्टिक प्लास्टिक को कापता है...
वाह . . . वाह . . .
लोहा लोहे को कापता है
प्लास्टिक प्लास्टिक को कापता है...
वाह . . . वाह . . .
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लेकिन...
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माणुस हि एक ऐसा इंसान है
जो न्हावि के पास जाकर केस कापता है
* पावसाळे मे ऊन पड्या....
ऊन्हाळे मे गारा....कभी थंडी मे पडता है पाऊस....
देवा तुम्हारे काँप्यूटर का बिघड्या क्या माऊस?
* थंडे पाणी से मारा आँगन मै सडा...
थंडे पाणी से मारा आँगन मै सडा...
इसीलिए आज चांगल उन पड़ा
* मेरे नाम पे खोटी खोटी कविता फैलाने वालो सुनो जरा गोर से.
अगर मुझे राग आया तो...
कानके खाली मारुंगा मै बहुत जोर से.
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और मारुंगा मै बहुत जोर से तो...सब घाबर जाएंगे उस शोर से