वसुबारस निमित्त गायीची आरती
धेनू माय जगत जननी, लोकत्रय त्रिताप शमनी।
अखिल जगतास मोक्ष दानी, जिचे नि सालकृंत अवनी
निगमागम जिला गाती
निगमागम जिला गाती
वंदीती सुरवर मुनिजन। पुनित पतित जन। घेता दर्शन।
प्रियकर शिव सांबा, सुरभि सौख्यद जगदंबा ।।1।।
गोमुत्रात वसे गंगा, कमला गोमयात रंगा।
अखिल देवता जिचे अंगा, सदाजी प्रियकर श्रीरंगा।
जियेचे नेत्र सूर्यचंद्र
जियेचे नेत्र सूर्यचंद्र
पहा उपेंद्र गोकुळी। कृष्णवाळ अवतार नखाग्री। गोवर्धन धरुनी।
रक्षी गोवत्स कृपा करुनी ।।2।।
धेनू माय...