धन्य अंबापूर महिमा विचित्र।
पार्वती अवतार योगिनी क्षेत्र।।
दंतासुरमर्दोनी केले चरित्र।
सिध्दांचे स्थळ ते महापवित्र।।
जय देवी जय देवी जय योगेश्वरी।
महिमा न काळे तुझा वर्णिता थोरी।।
जय देवी जय देवी...
पतित पावन सर्व तीर्थ महाद्वारी।
माया मोचन सकळ माया निवारी।।
साधका सिद्धीवाणेच्या तिरी।
तेथील महिमा वर्णू न शके वैखरी।।
जय देवी जय देवी जय योगेश्वरी।
महिमा न काळे तुझा वर्णिता थोरी।।
जय देवी जय देवी...
सिद्ध लिंग स्थळ परम पावन।
नृसिंह तीर्थ तेथे नृसिंह वंदन।।
मूळ पीठ रेणागिरी नांदे आपण।
संताचे माहेर गोदेवी स्थान !।।
जय देवी जय देवी जय योगेश्वरी।
महिमा न काळे तुझा वर्णिता थोरी।।
जय देवी जय देवी...
महारुद्र जेथे भैरव अवतार।
कोळ भैरव त्याचा महिमा अपार।।
नागझरी तीर्थ तीर्थाचे सार।
मार्जन करिता दोष होती संहार।।
जय देवी जय देवी जय योगेश्वरी।
महिमा न काळे तुझा वर्णिता थोरी।।
जय देवी जय देवी...
अनंत रूप शक्ती तुझ योग्य माते।
योगेश्वरी नाम त्रिभुवन विख्याते।।
व्यापक सकळा देही अनंत गुण भरिते।
निळकंठ ओवाळू कैवल्य माते।।
जय देवी जय देवी जय योगेश्वरी।
महिमा न काळे तुझा वर्णिता थोरी।।
जय देवी जय देवी...