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Last Modified: सोमवार, 15 ऑगस्ट 2022 (14:48 IST)

Gopal Krishna Aarti श्री गोपाल कृष्णाची आरती

Krishna Jayanti
जयदेव जयदेव वन्दे गोपालम्
 
मृगमदशोभितभालं भुवनत्रयपालम् जयदेव० ॥ धृ ० ॥
 
निर्गुणसगुणाकारं संह्रतभूभारं
 
मुरहरनंदकुमारं मुनिजनसुखकारकम्
 
वृंदावनसंचारं कौस्तुभमणिहारं करुणापारावारं गोवर्धनधारम् ॥
 
जय देव० ॥ १ ॥
 
मुरलीवादनलोललं सप्तस्वरगीतम्
 
स्थलचर-जलचर-वनचररंजित सद्‍गीतम् ॥
 
स्तंभित यमुनातोयं अगणितवरचरितम्
 
गोपीजनमनमोहनदान्तं श्रीकान्तम् ॥
 
जय देव० ॥ २ ॥
 
रासक्रीडामंडलवेष्टीतव्रजललनम्
 
मध्ये तांडवमंडित कुवलकदलनयनम् ॥
 
कुसुमित काननरंजित मंदस्मितवदनम्
 
फणिवरकालियदमनां पक्षीश्वर गमनम् ॥
 
जयदेव. ० ॥ ३ ॥
 
अभिनव नवनितचोरं विधृतदधिगोलम् ।
 
लीलानटवरखेलं नवकांचनशैलम् ॥
 
निर्जररक्षणशीलं विदलितरिपुजालम्
 
स्वभक्तजनतापालं जय जय गोपालम ॥
 
जयदेव.० ॥ ४ ॥