गुरूवार, 26 डिसेंबर 2024
  1. धर्म
  2. गणेशोत्सव
  3. गणेश स्तवन
Written By वेबदुनिया|

आरती महालक्ष्मीची

जयदेव जयदेवी जय लक्ष्मीमाता।
प्रसन्न होऊनिया वर देई आता ।।धृ।
विष्णुप्रिये तुझी सर्वांतरी सत्ता।
धन दौलत देई लक्ष्मीव्रत ‍करिता।।1।।
विश्वव्यापक जननी तुज ऐसी नाही।
धावसी आम्हालागी पावसी लवलाही।।2।।
त्रैलोक्य धा‍रिणी तू भक्ता लाभे सुखशांती।
सर्व सर्वही दु:ख सर्व ती पळती।।3।।
वैभव ऐश्वर्याचे तसेच द्रव्याचे।
देसि दान वरदे सदैव सौख्याचे।।4।।
यास्तव अगस्ती बन्धु आरती ओवाळी।
प्रेमे भक्तासवे लोटांगण घाली।।5।।